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Wednesday, February 1, 2017
वसंती बजट का गुणा भाग
चुनाव से ठीक पहले आया इस बार का बजट कई मायनों में यादगार बजट रहा है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस बार एक ओर इनकम टैक्स की दर कम करके छोटे करदाताओं को राहत दी है, तो दूसरी ओर राजनैतिक पार्टियों के चंदे पर मास्टरस्ट्रोक चला है। वित्त मंत्री ने किसी एक स्रोत से नकद चंदे की सीमा घटाकर 2 हजार रुपये कर दी है। डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री ने 3 लाख रुपये से ज्यादा के कैश लेन देन को बैन कर दिया है। गांवों के लिए मनरेगा का बजट 10 हजार करोड़ बढ़ाया तो छोटे कारोबारियों को इनकम टैक्स में 5 फीसदी की राहत दी है। वित्त मंत्री ने वित्तीय घाटे पर लगाम ढीली नहीं पड़ने दी है तो बाजार को भी कोई शॉक नहीं दिया है।
लेकिन जेटली की पोटली से किसानों और गांवों को जबरदस्त सौगातें मिली हैं। चुनाव से पहले उन्होंने ग्रामीण भारत को खुश करने की कोशिश की है। किसानों के लिए इस बजट में कई अहम घोषणाएं की गई हैं। किसानों को कर्ज के लिए 10 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि बजट से गांव के कितने भरे घाव?
जट में इस बार टैक्स देने वालों के लिए कुछ राहत की खबर थी. पर साथ ह
कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग और मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट को भी बढ़ावा दिया जाएगा। डेयरी उद्योग के लिए नाबर्ड के जरिये 8000 करोड़ का प्रावधान किया गया है। दुग्ध पैदावार के लिए 300 करोड़ का शुरुआती फंड होगा। 150 लाख गांवों में ब्रॉडबैंड सेवा की शुरुआत की जाएगी। गांवों में महिला शक्ति केंद्र के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। मिशन अंत्योदय में 1 करोड़ परिवार गरीबी रेखा से ऊपर लाए जाएंगे। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत रोज 133 किमी सड़क का निर्माण किया जाएगा।
ग्रामीण आवास के लिए 23000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का आवंटन बढ़ाकर 27000 करोड़ रुपये किया गया है। गांवों में 2019 तक 1 करोड़ घर बनाए जाएंगे। 2018 तक सभी गावों में बिजली पहुंचाई जाएगी। बजट में किसानों को लेकर कुछ घोषणाएं हुई हैं जिन पर लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट भाषण से बाजार बेहद खुश हुआ है। बाजार ने बजट को शानदार सलामी दी है। लेकिन, आम आदमी के लिए भी बजट क्या रहा है खास। इस बजट के बाद क्या होगा सस्ता और क्या होगा महंगा, आइए जानते हैं।
क्या हुआ सस्ता
सबसे पहले बताते हैं कि आपके लिए अब क्या सस्ता हो गया है। वाटर प्यूरिफायर, ऑनलाइन रेलवे टिकट, एलएनजी फिनिश्ड लेदर, सोलर टेंपर ग्लास, पीओएस मशीन, एम-पीओएम माइक्रो एटीएम, डिब्बा बंद वेजिटेबल्स और हॉट रोल क्वॉयल (स्टील) सस्ता हो जाएगा। फिंगर प्रिंट रीडर और स्कैनर भी सस्ता होगा। साथ ही अब आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के लिए इंश्योरेंस सस्ता हो जाएगा।
क्या हुआ महंगा
अब बताते हैं कि क्या महंगा होने वाला है। मोबाइल फोन, चांदी के सिक्के, सिल्वर आर्टिकल्स, सिगरेट, पान मसाला, जर्दा, खैनी, सिगार, बीड़ी, एलईडी लाइट, एलईडी लैम्प और रोस्डेट एंड सॉल्टेड ड्राय फ्रूट्स खरीदना महंगा हो जाएगा। स्टेनलेस स्टील टेप्स (टेलिकॉम ऑप्टिकल फाइबर में इस्तेमाल होता है) भी महंगा हो जाएगा। साथ ही एल्युमीनियम, लेदर फुटवियर और लेदर प्रोडक्ट्स भी महंगे हो जाएंगे।
बजट 2017 में डिजिटल और कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए पीओएस मशीनों पर ड्यूटी घटा दी गई है, फिंगरप्रिंट स्कैनर्स पर सीवी, एसएडी ड्यूटी खत्म कर दी गई है, 3 लाख रुपये से ज्यादा कैश में ट्रांजैक्शन को प्रतिबंधित कर दिया गया है और डिजिटल पेमेंट के लिए नया रेगुलेटरी बोर्ड बनाने का निर्णय लिया गया है। जानकारों का कहना है कि इस बजट में इकोनॉमी, सिस्टम और प्रॉसेस को डिजिटाइज करने की बात की गई है जो आगे चलकर देश को बहुत फायदा देगी।
रियल एस्टेट सेक्टर को बजट ने खुश कर दिया है। अफोर्डेबल सेक्टर के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर के दर्जे से लेकर, डेवलपर्स के लिए टैक्स छूट और घर खरीदारों के लिए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स में राहत के साथ ढेरों ऐसे एलान हैं जो रियल एस्टेट सेक्टर के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है।
अफोर्डेबल हाउसिंग सेक्टर के लिए बजट 2017 बड़ा बूस्ट साबित हुआ है। सरकार ने बजट में अफोर्डेबल हाउसिंग को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दिया है। जिससे अब अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए सस्ता और आसान लोन मिल सकता है। घरों के लिए कैपिटल गेन्स टैक्स सीमा 3 साल से घटाकर 2 साल की गई। जिसके तहत लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स के लिए इंडेक्सेशन का बेस ईयर बदला गया है। अब इंडेक्सेशन के लिए बेस ईयर 1981 के बजाय 2001 होगा।
बजट में एक तरफ जहां वित्त मंत्री ने अफोर्डेबल हाउसिंग को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा देने की बात कहीं वहीं उन्होंने बजट में सस्ते घरों के लिए 80आईबी स्कीम में बड़े बदलाव किये जाने की सूचना दी। बता दें कि 80आईबी के तहत डेवलपर्स को टैक्स छूट मिलती है। इतना ही नहीं सरकार ने सस्ते घरों के लिए अब कार्पेट एरिया का पैमाना भी बढ़ा दिया है। जिसे बढ़ाकर 30-60 स्कावर फूट कार्पेट किया गया है। वहीं 4 बड़े महानगरों में 30 स्कावर फूट मीटर तक अफोर्डेबल हाउसिंग बनाएं जायेगे और अन्य बाकी शहरों के लिए 60 स्कावर फूट मीटर तक अफोर्डेबल हाउसिंग तैयार किये जायेंगे।
वित्त मंत्री ने आम लोगों के लिए ही सस्ते और अफोर्डेबल हाउसिंग का तोहफा नहीं दिया। बल्कि अफोर्डेबल हाउसिंग के जरिये डेवलपर्स को भी राहत दी है। सरकार ने इस बजट में जीवी प्रोजेक्ट में बिना बिके स्टॉक पर टैक्स में राहत दे दी है। डेवलपर्स द्वारा प्रोजेक्ट को जिस साल में पूरा किया जाएंगा उसी साल से कैपिटल गेन्स टैक्स लागू होगा। सीसी मिलने के 1 साल बाद तक बिना बिके टैक्स छूट मिल सकता है।
सरकार ने बजट में 2019 तक 1 करोड़ सस्ते मकान तैयार करने का लक्ष्य तय किया है। वहीं बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 23,000 करोड़ रुपये प्रावधान किया गया है। सरकार ने रियल एस्टेट सेक्टर पर 3 लाख से ज्यादा के कैश ट्रांजैक्शन पर रोक लगा दी है। 2.5-5 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स 10% से घटाकर 5% किया गया है। टैक्स में कटौती के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि लोगों के पास निवेश के लिए ज्यादा पैसा होगें।
क्या हुआ महंगा
* मोबाइल फोन में काम आने वाले प्रिंटेड सर्किट बोर्ड पर सीमा शुल्क शून्य से बढ़ाकर दो प्रतिशत किया गया. इस वजह से अब मोबाइल भी होगा महंगा
*सिगरेट और सिगार दोनों महंगी हो गई है.
* पान मसाला
* जर्दा सहित सभी चबाने वाले तंबाकू महंगे. इन पर उत्पाद शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत किया गया
* गुटका
* विदेशी काजू, भूना हुआ या नमकीन दोनों ही महंगा हो गया है
* पेपर रोल बीड़ी
* चांदी के सिक्के और चांदी के गहने महंगे
क्या हुआ सस्ता
* एलएनजी (लिक्वीफाइड नैचुरल गैस) सस्ती हो गई है
* तैयार लेदर सस्ता हुआ
* सिल्वर फॉयल
* मेक इन इंडिया के तहत कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए पीओएस मशीनें सस्ती हो गई हैं
* मेक इन इंडिया के तहत फींगर स्कैनर, माइक्रो एटीएम और आइरस स्कैनर भी सस्ता हो गया है.
* देश में बने हीरे और दूसरे महंगे पत्थरों से जड़ित आभूषण सस्ते हुए
* सौर उर्जा बैटरी और पैनल के विनिर्माण में काम आने वाले सोलर टैम्पर्ड ग्लास को सीमा शुल्क से छूट
इसके अलावा निकेल,
आपको बता दें कि इसके साथ ही वित्त मंत्री ने ऐलान किया है कि अब ई टिकट पर सर्विस चार्ज नहीं देना होगा. अब आईआरसीटीसी की वेबसाइट से टिकट लेने पर 10 रुपये कम खर्च होंगे.
वर्ष 2017—18 के आम बजट में नोटबंदी से सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिये निम्न मध्यम वगीर्य नौकरी पेशा लोगों को आयकर में राहत और छोटे उद्योगों के लिये कंपनी कर में कटौती सहित अनेक उपायों की घोषणा की गई है। किसानों की आय दोगुना करने, साफ-सफाई, बिजली, रेलवे, सड़क सहित जरूरी ढांचागत सुविधायें उपलब्ध कराने और युवाओं को शिक्षा, कौशल विकास के साथ रोजगार के अवसर दिलाने के लिये अनेक पहल की गई हैं।
इस बार के आम बजट में रेलवे बजट को भी मिलाया गया है। इस लिहाज से यह ऐतिहासिक बजट है। इसके साथ ही आमतौर पर फरवरी के अंत में बजट पेश किया जाता है लेकिन इस बार इसे फरवरी माह के शुरू में ही पेश किया गया।
टैक्स दरों में बदलाव
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उत्तर प्रदेश, पंजाब सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों से पहले पेश इस बजट में ढाई लाख से पांच लाख रुपये के सालाना आय वर्ग में कर की दर मौजूदा 10 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी। उन्होंने कहा कि इस रियायत से पांच लाख रुपये से कम सालाना आय वाले व्यक्तियों की कर देनदारी अन्य छूट सहित या तो शून्य रह जायेगी अथवा उनकी मौजूदा देनदारी का आधी रह जायेगी। इस कटौती से 15,500 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा।
वित्त मंत्री ने 50 लाख से एक करोड़ रुपये की वार्षिक कमाई करने वालों के आयकर पर 10 प्रतिशत की दर से अधिभार लगा दिया। एक करोड़ रुपये से अधिक कमाई पर 15 प्रतिशत की दर से मौजूदा अधिभार पूर्ववत लागू रहेगा। इससे सरकार को 2,700 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राजस्व प्राप्ति होगी। वित्त मंत्री ने कहा कि पांच लाख रुपये से कम की वार्षिक आय पर कर दरों में की गई कमी का लाभ पांच लाख रपये से उपर की आय वर्ग के करदाताओं को भी मिलेगा। वित्त मंत्री का यह बजट कई मायनों में एतिहासिक रहा है। पहली बार आम बजट के साथ ही रेल बजट को मिलाकर पेश किया गया है। फरवरी अंत के बजाय पहली फरवरी को बजट पेश किया गया जिसमें ढांचागत योजनाओं के लिये 3,96,135 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया। रेलवे के लिये 1,30,000 करोड़ रुपये और राजमार्गों के लिये 64,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।